आपदा काम में नहीं लगाई सैनिकों की ड्यूटी तो जिला सेनानी को कारण बताओ नोटिस जारी

रायपुर. लॉकडाउन की शुरुआत में रायपुर कलेक्टर ने कोरोना वायरस आपदा प्रबंधन काम में लगे जिले के एसडीएम, पुलिस अधिकारियों और निगम के जोन कमिश्नरों की सुरक्षा के लिए एक-एक सैनिक की डयूटी लगाने का आदेश जिला सेनानी को जारी किया था। लेकिन अभी तक किसी भी अफसर के साथ सैनिकों की ड्यूटी नहीं लगाई। इससे नाराज कलेक्टर ने शुक्रवार को जिला को आदेश का उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उनसे पूछा गया है कि उन्होंने अभी तक जवानों की डयूटी क्यों नहीं लगाई। नोटिस में यह भी लिखा गया है कि क्यों न उनके इस काम के लिए आचार संहिता के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाए।



इधर दूसरी ओर कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने आपदा प्रबंधन के काम में लगे अफसरों को जांच और दूसरे काम के लिए गाड़ियां उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि ऐसे अफसरों को कोरोना वायरस की रोकथाम और जरूरी चीजों की उपलब्धता का काम सौंपा गया है। आम लोगों को जरूरी चीजें उपलब्ध हो इसके लिए अफसरों का फील्ड में होना जरूरी है। इसलिए ऐसे सभी अफसरों को सरकारी गाड़ियां उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कार्यालय प्रमुखों से कहा है कि दफ्तरों के वाहनों का अधिग्रहण नहीं किया गया है तो ऐसी गाड़ियों का अधिग्रहण कर अफसरों को दिया जाए।



घरों में जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बांट रहे सूखा राशन
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 15 दिन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सूखा राशन बांट रहे हैं। जिले में 8535 एनिमिक महिलाओं और 11346 कुपोषित बच्चों को सूखा राशन बांटा जा रहा है। अभियान के अंतर्गत सूखा राशन (चावल, गेहूं, दाल), स्थानीय रूचि एवं उपलब्धता के अनुसार पौष्टिक आहार का पैकेट बनाकर दिया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन की जगह सूखा राशन बांटने की व्यवस्था की गई है।